युहि नही हिन्दू धर्म को महान कहा जाता है| हमारा प्राचीन इतिहास कई बार इस पर मोहर लगा चुका है। इसका कारण यह भी है कि हिन्दू धर्म दुनिया का अकेला ऐसा धर्म है जो मज़बूत वृक्ष की तरह अभी भी अपनी गहरी जड़ो के साथ टिका हुआ है। असल मे हिन्दू धर्म मनुष्य की परिपक्वता का उत्कृष्ट उदहारण है। हम सब जो भारत मे रहते है, भारतवासी कहलाये जाते है। अगर हम अंग्रेज़ी मे इंडियन है, तो हिन्दी मे हिन्दुस्तानी। परंतु कई लोगो को इससे आपत्ति है। वो शायद इसलिए क्योंकि हिन्दू शब्द को धर्म से जोड़कर देखा जाता रहा है। सत्य तो ये है इंडियन और हिन्दुस्तानी दोनो का अर्थ एक ही है जो हमे सिंधु नदी(पर्शियन मे हिन्दू) या इंडस नदी से जोड़ती है। हमारा इतिहास हर दिन हमे हिन्दू होने का गौरव प्रदान करता है।
हिन्दू धर्म और स्वतंत्रता
विश्व मे आज की दौर मे माने जाने वाले धर्म एक ईश्वर की बात करते है। वहीं हिन्दू धर्म हमे हमारे इष्ट चुनने की स्वतंत्रता देता है। जब हम 36 करोड़ देवी देवताओ की बात करते है, तो अक्सर यह भ्रांति फैलाई जाती है कि हिन्दू धर्म मे इतने भगवान है। पर वो यह नही समझ पाते कि हिन्दू धर्म ही एकलौता ऐसा धर्म है जो शून्य से अनंत का सिद्धांत सरलता से धर्म के माध्यम से वर्णित करता है। संसार मे इतने लाखो जीवो मे क्या ईश्वर सिर्फ मनुष्य के ही है? हर जीव ईश्वर को उसी रूप मे देखता है जिस रूप मे वो स्वयं है। इसलिए हिन्दू धर्म मे ईश्वर के इतने अवतारो का व्याख्यान है। और हिन्दू होने के नाते हमे ये स्वतंत्रता है कि हम अपने ईश्वर को किसी भी रूप मे पूज सकते है।
हिन्दू मंदिर
यदि आप यूरोप भ्रमण करने जाएँ तो यह देख के दंग रह जाएंगे की ज़्यादातर यूरोप टूरिज़्म के नाम पर स्मृति स्थान य मकबरो को बढ़ावा देता है। इसके उलट भारत मे एक समय पर मंदिरो को विशेष स्थान दिया जाता था। हमारे मंदिर न केवल अध्यात्म की दृष्टि से उच्च है अपितु उनकी सरंचना अपने आप मे विस्मयकारी है। आज भी इस तरह की उत्कृष्ट संरचना पर्यटको को अचंभित कर देती है। यह कहना गलत नही होगा कि मंदिरो का स्थान हिन्दुओ के जीवन मे भोजन से भी पहले है।
हिन्दू त्यौहार
त्यौहार तो एक सौगात की तरह है। यदि त्यौहार न होते तो जीवन नीरस होता। इसीलिए हिन्दू धर्म मे उत्सवों को इतना महत्व दिया गया है। हर माह मे मनाये जाने वाले विभिन्न हिन्दू उत्सव नई स्फूर्ति और ऊर्जा लाते है और जीवन मे नई सकारात्मकता लाते है।
अध्यात्म से स्वास्थ्य
हिन्दु धर्म ही विश्व का एकमात्र धर्म है जो शाररिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य पे भी बल देता है। शायद इसलिए अध्यात्म और योग पर इतना ज़ोर दिया गया है। हमारी आयुर्वेदिक पद्धति लक्षण का इलाज नही बल्कि व्यक्ति के शरीर के इलाज करने की सलाह देता है।
हिन्दू धार्मिक ग्रंथ और पुराण
हिन्दू ग्रंथ और काव्य तो विश्वभर मे प्रसिद्धि पा चुके है। हमारे धार्मिक ग्रंथ अपने आप मे ही सम्पूर्ण विषयो का सार है, जिसमे विज्ञान से लेकर राजनीति तक का वर्णन है।
कुल मिलाकर हिन्दू धर्म से संबंध होने का अर्थ है ईश्वर से संबंध होना। तो अगर अगली बार कोई आप से आपका धर्म पूछे तो गर्व से कहना की आप हिन्दू है।