इतिहास की किताब पढ़ते वक़्त एक रोचक तथ्य सामने आया , हिंदुस्तान तो कभी हिंदुस्तान था ही नहीं। जैसा की हम जानते है , भारत पहले सप्त सिंधु के नाम से जाना जाता था। ऐसा इस लिए क्यूंकि हमारा देश सात नदियों का देश था। और हमारे देश को इन नदियों के देश के नाम से ही जाना जाता था। ऋग वेद में वर्णित वो नदिया थी झेलम ,व्यास,चेनाब,रावी , सतलुज,सिंधु और सरस्वती। असल में हम सिंधुस्तानी है। सिंधु के उस पार वाली सभ्यता के लोग जैसे पर्शियन (आज का इराक ) आदि लोगो ने भारत के लोगो को हिंदुस्तानी कहा। वो इसलिए ' स ' अक्षर उनकी व्याकरण में था ही नहीं। 'स' को 'ह' बोला जाता । और तभी से सिंधु हिन्दू बन गयी और हम बन गए सिन्हुस्तानी मतलब हिंदुस्तानी। तभी से भारत में रहने वाले लोग हिन्दू कहलाने लगे। असल में भारत में रहने वाले लोग सनातन धर्म को मानने वाले लोग थे। सनातन ' संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ है अनादि (beginingless ) . सनातन धर्म प्रकृति के नियमो का पालन करता है। सनातन धर्म ईश्वर की बात करता है नाकि किसी व्यक्ति विशेष की। तो अगली बार कोई आपको हिन्दू बोले तो सोचियेगा क्या आप हिन्दू है ? या सिंधु है।
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